सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली बोलीं- भारत में इमरजेंसी आर्बिट्रेशन को मिले बढ़ावा, कानून बनाए सरकार
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस हिमा कोहली ने कहा है कि इमरजेंसी आर्बिट्रेशन की देश में काफी संभावनाएं हैं और विधायिका को इसे बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए कदम उठाने चाहिए। वह हाई कोर्ट में चल रहे आर्बिट्रेशन वीकेंड समारोह में शामिल हुई थी। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 19 Feb 2023 11:42 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली कल आर्बिट्रेशन वीकेंड समारोह में शामिल हुई थी। देश में कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उन्होंने देश में इमरजेंसी आर्बिट्रेशन लाने की इच्छा जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस हिमा कोहली ने कहा है कि इमरजेंसी आर्बिट्रेशन की देश में काफी संभावनाएं हैं और विधायिका को इसे बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
हिमा कोहली ने गिनवाए इमरजेंसी आर्बिट्रेशन के फायदे
हिमा कोहली ने कहा कि इमरजेंसी आर्बिट्रेशन (ईए) विवादों के जल्द से जल्द निपटारे के लिए और कुशल समाधान प्रदान करने के साथ साथ फैसलों में लगने वाले लंबे समय को कम करने में मदद कर सकती है। बता दें कि इमरजेंसी आर्बिट्रेशन एक ऐसी व्यवस्था है जो किसी विवादग्रस्त पक्ष को तत्काल अंतरिम राहत के लिए आवेदन करने की अनुमति देती है। उन्होंने कहा कि लेकिन लागू नियमों और प्रक्रियाओं में स्पष्टता और स्थिरता और हितधारकों के बीच जागरूकता की कमी से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाना बाकी है।
इमरजेंसी आर्बिट्रेशन के लिए कानून बनाए विधायिका-हिमा
जस्टिस हिमा कोहली ने यह भी कहा कि ईए के पास भारत में चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक विशाल क्षमता है। सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह भारत में ईए को कानून बनाने, बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए कदम उठाए। इसमें मध्यस्थता और सुलह अधिनियम में संशोधन, मानक प्रक्रियाओं की शुरूआत, स्थापना शामिल हो सकती है। तो वहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को एक समर्पित ईए ट्रिब्यूनल, ईए के लाभों के बारे में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।यह भी पढ़े- Project Cheetah: MP के कूनो नेशनल पार्क में आए 12 चीते, PM बोले- भारत की वन्यजीव विविधता को मिला बढ़ावा