Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में इस साल बढ़ी न्याय की रफ्तार, CJI डीवाई चंद्रचूड़ के प्रयासों से कोर्ट ने निपटाए 52191 केस
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के प्रयासों ने न्याय को रफ्तार दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2023 में पचास हजार से ज्यादा मुकदमे निपटाए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक जनवरी 2023 से लेकर 15 दिसंबर 2023 तक निपटाए गए कुल मामलों को देखा जाए तो कोर्ट ने इस वर्ष कुल 52191 केस निपटाए। इस तरह से प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के प्रयासों से न्याय ने रफ्तार पकड़ी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के प्रयासों ने न्याय को रफ्तार दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2023 में पचास हजार से ज्यादा मुकदमे निपटाए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक जनवरी 2023 से लेकर 15 दिसंबर 2023 तक निपटाए गए कुल मामलों को देखा जाए तो कोर्ट ने इस वर्ष कुल 52191 केस निपटाए।
मुकदमे निपटाने की यह दर बहुत अच्छी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इस वर्ष कुल 49191 मुकदमे पंजीकृत हुए जबकि निपटाए गए 52191 केस, जो कि पंजीकृत संख्या से ज्यादा है। हालांकि दाखिल मुकदमों की संख्या में गैर पंजीकृत वे मामले शामिल नहीं हैं जो दाखिल तो हुए लेकिन अभी तक केस के तौर पर उनका पंजीकरण नहीं हुआ है उन्हें फिलहाल सिर्फ डायरी नंबर आवंटित हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट में इस वर्ष कुल 52660 केस दाखिल हुए
अगर ऐसे डायरी नंबर वाले मुकदमों को भी मिला लिया जाए तो सुप्रीम कोर्ट में इस वर्ष कुल 52660 केस दाखिल हुए और 52191 केस निपटाए गए जो कि नेक टु नेक है। सुप्रीम कोर्ट से जारी आंकड़ों को देखें तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वर्ष निपटाए गए केसों की संख्या पिछले छह वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक है। ऐसा प्रधान न्यायाधीश द्वारा मुकदमों के दाखिल होने से लेकर सुनवाई पर लगाने के पूरे तंत्र को स्ट्रीम लाइन करने के कारण संभव हो पाया है।तत्काल सुनवाई पर लगा दिये जाते हैं ये केस
उन्होंने पूरे तंत्र को स्ट्रीम लाइन किया है इससे एक केस के दाखिल होने के बाद उसके सुनवाई पर लगने में जो 10 दिन का समय लगता था वह घट कर अब सात से पांच दिन रह गया है। यहां तक कि जमानत, अग्रिम जमानत, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, डिमोलिशन और बेदखली के मामले तो एक दिन में या फिर तत्काल सुनवाई पर लगा दिये जाते हैं।
बुधवार और गुरुवार के दिन नियमित सुनवाई के लिए तय
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की फुल कोर्ट मीटिंग में फैसला लिया गया था कि सोमवार और शुक्रवार के दिन मिसलेनियस सुनवाई के दिन होंगे। मंगलवार को नोटिस जारी हो चुके मिलेनियस केसों की सुनवाई होती है। जबकि बुधवार और गुरुवार के दिन नियमित सुनवाई के लिए तय हैं। मालूम हो कि मिसलेनियस केस वे होते हैं जो नये दाखिल हुए होते हैं और सुनवाई के प्रारंभिक स्तर पर होते हैं।