Move to Jagran APP

Constitution Day: 'हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है संविधान', कानूनों को सरल बनाने पर क्या बोले SC के जज संजीव खन्ना

Supreme Court Justice Sanjiv Khanna सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कानूनों को सरल बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कानूनों को युवा पीढ़ी के लिए सरल अधिक मानवीय और अनुकूल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान को बार-बार एक जीवित दस्तावेज के रूप में परिभाषित किया गया है क्योंकि यह हमारे जीवन का एक हिस्सा है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 26 Nov 2023 03:35 PM (IST)
Hero Image
'हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है संविधान', कानूनों को सरल बनाने पर क्या बोले जज संजीव (फोटो प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कानूनों को सरल बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कानूनों को युवा पीढ़ी के लिए सरल, अधिक मानवीय और अनुकूल बनाने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना ने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने सभी से दृढ़ संकल्प एकता और आशावाद के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।

हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है संविधान- जज खन्ना

जज खन्ना ने कहा कि आज हम 74वां संविधान दिवस मना रहे हैं। हम खुद को अपने देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण में पाते हैं। भारतीय संविधान को बार-बार एक जीवित दस्तावेज के रूप में परिभाषित किया गया है, क्योंकि यह हमारे जीवन का एक हिस्सा है। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि 1950 में संविधान ने 350 मिलियन लोगों के जीवन को बदल दिया था और आज 1.4 बिलियन लोगों के जीवन पर अमिट छाप और प्रभाव जारी है।

उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज जब हम अपनी कानूनी प्रणाली के उद्देश्यों पर विचार करते हैं तो हमें युवा पीढ़ी के लिए अपने कानूनों को अधिक सरल और सुलभ बनाने की आवश्यकता को पहचानना चाहिए।

यह भी पढ़ें- Constitution Day: सुप्रीम कोर्ट परिसर में स्थापित हुई भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, राष्ट्रपति मुर्मु ने दी श्रद्धांजलि

संविधान दिवस पर SC में आयोजित हुआ कार्यक्रम

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज संविधान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, CJI डीवाई चंद्रचूड़, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत सुप्रीम कोर्ट के कई जज भी मौजूद थे। 26 नवंबर 1949 को देश के संविधान को अपनाया गया था। हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें- 'सभी के लिए आसान और सुविधाजनक होगी न्यायिक प्रक्रिया', CJI ने बताया ई-सेवा केंद्र शुरू करने का उद्देश्य