'संविधान पीठ की सुनवाई के बाद रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मामले पर होगी सुनवाई' - Supreme Court
Supreme Court रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचिबद्ध किया है। कोर्ट का कहना है कि संविधान पीठ के मामले खत्म होने के बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Thu, 16 Feb 2023 12:52 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह राज्यसभा के पूर्व विधायक सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार है। दरअसल, इस याचिका में केंद्र द्वारा राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने भाजपा नेता की दलीलों को ध्यान में रखते हुए अभी तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है और इसलिए जनहित याचिका को अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सीजेआई ने कहा, "संविधान पीठ के मामले खत्म होने के बाद हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।"
संस्कृति मंत्रालय मामले पर कर रही विचार
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि केंद्र राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने से संबंधित मुद्दे पर विचार कर रही है। अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा था। पीठ ने कहा, "सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय में इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। उनका कहना है कि याचिकाकर्ता (स्वामी) अगर चाहें तो इसको लेकर अपना विचार रख सकते हैं।"2019 में बुलाई गई थी बैठक
हालांकि, इसको लेकर स्वामी (याचिकाकर्ता) ने कहा, "मैं किसी से नहीं मिलना चाहता, हम एक ही पार्टी में हैं। उन्हें छह सप्ताह या जितना समय लगे, फैसला करने दिया जाए।" स्वामी ने कहा था कि 2019 में तत्कालीन संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी और रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की सिफारिश की थी। विधि अधिकारी ने कहा था कि सरकार इस पर गौर कर रही है।
राम सेतु को आदम के पुल नाम से भी जाना जाता है। यह तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच पत्थर से बनी एक श्रृंखला है।
मामला का पहला दौर जीत चुके हैं स्वामी
भाजपा नेता ने बताया कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं, जिसमें केंद्र ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था। स्वामी ने यूपीए-1 सरकार द्वारा शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया है।