'जनता से जुड़ी सारी सूचनाएं सार्वजनिक करें विभाग', SC ने केंद्र व राज्य सूचना आयोग को दिया समीक्षा का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के सूचना आयोगों से आरटीआई एक्ट के सेक्शन चार के प्रविधान को Supreme Court News सही मायनों में लागू कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जन सुविधाओं से जुड़ी संस्थाएं और अधिकारी सरकारी सुविधाओं के संबंध में विस्तृत जानकारियों को अपनी वेबसाइट और अन्य माध्यमों के जरिये सार्वजनिक करें।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 20 Aug 2023 03:48 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के सूचना आयोगों से आरटीआई एक्ट के सेक्शन चार के प्रविधान को सही मायनों में लागू कराने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जन सुविधाओं से जुड़ी संस्थाएं और अधिकारी सरकारी सुविधाओं के संबंध में विस्तृत जानकारियों को अपनी वेबसाइट और अन्य माध्यमों के जरिये सार्वजनिक करें। इससे जनता उन सुविधाओं का बेहतर तरीके से लाभ ले पाएगी।
जनता से जुड़ी सारी सूचनाएं सार्वजनिक करें विभाग
मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने सूचना आयोगों से कहा है कि वे अधिनियम के दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर विभागवार समीक्षा करके देखें कि वे जनता से जुड़ी सूचनाओं को उचित तरीके से सार्वजनिक कर रहे हैं या नहीं। बता दें कि सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 में सभी सरकारी संस्थाओं और अधिकारियों के लिए जनता से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक करना अनिवार्य किया गया है।केसी जैन ने दायर की याचिका
मामले में जनहित याचिका दायर कर अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता केसी जैन ने कहा है कि केवल 33 प्रतिशत संस्थाएं और अधिकारी स्वयं से संबंधित सूचनाओं के प्रति पारदर्शी रवैया अपनाते हैं। उन्होंने बीते चार वर्षों के आंकड़ों के जरिये अपने दावे को सही साबित करने की कोशिश की है।
मुख्य न्यायाधीश ने सूचना आयोग के लिए जारी किए निर्देश
याचिका में कहा गया है कि सरकारी संस्थाओं का यह रुख सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुसार नहीं है। याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ ने सूचना आयोगों के लिए निर्देश जारी किए हैं।