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सुप्रीम कोर्ट ने NEET का शहर और केंद्रवार परिणाम घोषित करने का दिया आदेश, जानिए काउंसलिंग पर कब आ सकता है फैसला

NEET UG Supreme Court Hearing सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट मामले पर सुनवाई करते हुए एनटीए को आदेश दिया कि वह शहर और केंद्रवार परिणाम फिर से घोषित करे और इसे वेबसाइट पर उपलब्ध कराए। इसके लिए कोर्ट ने एनटीए को शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया है। इससे पहले कोर्ट ने परीक्षा को लेकर एनटीए और सरकार से कई सवाल पूछे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 18 Jul 2024 11:45 PM (IST)
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कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने के लिए शनिवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया है। (File Image)

माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को आदेश दिया कि वह अभ्यर्थियों की पहचान छुपा कर नीट-यूजी के केंद्रवार और शहरवार रिजल्ट शनिवार दोपहर 12 बजे तक जारी करे। साथ ही कहा कि वह इसे वेबसाइट पर जारी करे, ताकि सभी इसे देख सकें।

वैसे विवादों में घिरा नीट-यूजी रद्द होगा या नहीं, इसे लेकर अभी भी संशय है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिर से मामले की सुनवाई करने वाला है। उस दिन कोर्ट काउंसलिंग के बारे में भी कोई निर्णय कर सकता है। अभी संभवत: 24 जुलाई से काउंसलिंग शुरू होने जा रही है।

पांच मई को हुई थी परीक्षा

मेडिकल कोर्सों में प्रवेश पाने के लिए नीट-यूजी देशभर के विभिन्न केंद्रों पर पांच मई को आयोजित हुआ था। इसमें 23 लाख 33 हजार अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा के बाद से ही पेपर लीक और गड़बडि़यों की बात उठने लगी थी। सुप्रीम कोर्ट में दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें पूरी परीक्षा रद्द कर इसे नए सिरे से कराने और कोर्ट की निगरानी में गड़बडि़यों की जांच कराने की मांग की गई है।

हालांकि कुछ अभ्यर्थियों ने दोबारा परीक्षा का विरोध भी किया है। देशभर में सरकारी और प्राइवेट कालेजों को मिलाकर मेडिकल कोर्सों की कुल 1,08,000 सीटें हैं, जिन पर इस परीक्षा की मेरिट के आधार पर दाखिला मिलता है। केंद्र और यह परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में पूरी परीक्षा रद्द करने का विरोध किया है और कहा है कि इससे ईमानदार मेहनती छात्रों के हित प्रभावित होंगे।

चुनिंदा जगहों पर हुई गड़बड़ियां: NTA

एनटीए का कहना है कि पेपर लीक और गड़बड़ी की कुछ चुनिंदा ही घटनाएं हैं। कोई सिस्टेमेटिक फेल्योर नहीं है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने छात्रों के वकील से कहा कि आपको साबित करना होगा कि परीक्षा में व्यापक तौर पर गड़बड़ियां हुई हैं और पेपर लीक का व्यापक प्रभाव हुआ है, जिसके कारण दोबारा परीक्षा कराए जाने की जरूरत है।

पीठ ने कहा कि दोबारा परीक्षा तभी कराई जा सकती है, जबकि यह निष्कर्ष निकलता हो कि पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है। छात्रों के वकील ने जब पेपर लीक और गड़बडि़यों का आरोप लगाते हुए पटना, हजारीबाग और गोधरा के उदाहरण दिए तो कोर्ट की टिप्पणी थी कि प्रथम दृष्टया लगता है कि पेपर लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक सीमित थी, ऐसी कोई घटना गोधरा में नहीं हुई थी।

टेलीग्राम चैनल पर पेपर लीक होने और व्यापक रूप से पेपर सर्कुलेट होने की दलील पर सीजेआइ चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको ध्यान रखना होगा कि जिसने भी ऐसा किया, उसका उद्देश्य इसे राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का नहीं था। ऐसा दिखता है कि उन लोगों ने ऐसा पैसा बनाने के लिए किया। वे परीक्षा को बदनाम नहीं करना चाहते थे।

एनटीए और सरकार से मांगा जवाब

हालांकि कोर्ट ने परीक्षा में गड़बडि़यों और पेपर लीक का प्रभाव और उसके लाभार्थियों का पता लगाने के लिए केंद्र और एनटीए से भी कई सवाल किए, जैसे कि कितने छात्रों ने परीक्षा केंद्र बदला, कितनों ने भाषा का विकल्प बदला और उनमें से कितने मेरिट में आए हैं। कोर्ट ने छात्रों से एकत्र किए गए पैसे के बारे में भी सरकार से सवाल किया और प्राइवेट कुरियर कंपनी से पेपर भिजवाने पर भी सवाल किया।

सीबीआई की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग खारिज

कोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ता छात्रों की मांग खारिज करते हुए कहा कि जांच अभी चल रही है और रिपोर्ट की बातें साझा करने से जांच प्रभावित हो सकती है, लोग होशियार हैं। सुनवाई के अंत में कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों की पूरा रिजल्ट वेबसाइट पर जारी करने की मांग स्वीकार करते हुए एनटीए से कहा कि वह अभ्यर्थियों की पहचान छुपा कर शहर और केंद्रवार रिजल्ट जारी करे।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि पूरा रिजल्ट सार्वजनिक न होने से वे अभ्यर्थियों के प्राप्त अंकों का डाटा एनालिसिस नहीं कर सकते। केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जबरदस्त विरोध करते हुए कहा कि अभी तक ये कुछ ऐसी सामग्री साबित नहीं कर पाए हैं तो फिर ये आदेश कैसे दिया जा सकता है। पीठ ने कहा कि स्पष्ट है कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक हुआ है और इसीलिए कोर्ट ने इतने सवाल पूछे हैं। रिजल्ट जारी होने से छात्रों को संतोष होगा।

परीक्षा से जुड़ी कई और गड़बडि़यों की खुलेगी पोल

नीट-यूजी के शहर और केंद्रवार रिजल्ट सार्वजनिक करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परीक्षा से जुड़ी कुछ ऐसी गड़बड़ियों की भी पोल खुल सकती है, जिस पर अब तक एनटीए पर्दा डाले है। विशेषज्ञों की मानें तो अब तक हुई सुनवाई से यह तो साफ है कि परीक्षा में कई स्तर पर गड़बड़ी हुई है।

विशेषज्ञों ने कुछ इस तरह की गड़बड़ियों के सामने आने की उम्मीद जताई हैं:-

पहला: सामूहिक नकल

यदि किसी भी परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल हुई होगी या फिर कराई गई होगी तो वह तस्वीर साफ हो जाएगी। ऐसा होने पर आसपास के सभी रोल नंबरों के परीक्षा के अंक समान या आसपास होंगे।

दूसरा: परीक्षा केंद्रों की संलिप्तता

यदि किसी परीक्षा केंद्र से अधिक संख्या में छात्र मेरिट लिस्ट में है तो वह भी साफ हो जाएगा। इसके आधार पर यह जानकारी लगाई जा सकेगी कि इसी सेंटर से इतनी संख्या में छात्र कैसे मेरिट लिस्ट में आए हैं।

तीसरा: परीक्षा अंक में असमानता

इस रिजल्ट से राज्यवार छात्रों के प्रदर्शन को भी जांचा जा सकेगा। वह भी तब जब एनटीए बढ़ी मेरिट लिस्ट के पीछे परीक्षा के आसान होने का दावा कर रही है।