Delhi Air Pollution: 'ऑड ईवन योजना दिखावटी, इससे क्या फायदा हुआ', सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की नीति पर किया सवाल
Delhi Air Pollution दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवेन पॉलिसी पर भी मंगलवार को निशाना साधा और पूछा कि इससे कितना प्रदूषण कम होता है इसका कोई आंकलन किया गया। कोर्ट ने इस योजना को दिखावटी बताते हुए कहा कि प्रदूषण पर लगाम लगाएं और खुले में कचर नहीं जलाने को कहा।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 07 Nov 2023 10:29 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार की ऑड-ईवेन पालिसी पर भी मंगलवार को निशाना साधा और पूछा कि इससे कितना प्रदूषण कम होता है इसका कोई आकलन किया गया।
कोर्ट ने योजना को दिखावटी कहा। इसकी जगह कोर्ट ने न्यायमित्र के सुझाव पर नारंगी स्टीकर की डीजल गाड़ियों को रोकने पर भी दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने बाहर के नंबरों की टैक्सियों का प्रवेश भी कुछ दिन के लिए रोकने का सुझाव दिया है।
खुले में कचरा न जलाने का आदेश
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह निगरानी करे कि खुले में कचरा न जलाया जाए। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान दिये। दिल्ली सरकार ने राजधानी की खराब आबो-हवा सुधारने के लिए दिवाली के बाद 13 नवंबर से दिल्ली में वाहनों में सम विषम योजना लागू करने की घोषणा की है।इस योजना का मतलब होता है कि एक दिन वे गाड़ियां चलेंगी जिनकी रजिस्ट्रेशन प्लेट पर आखिरी संख्या ऑड यानी विषम होगी और दूसरे दिन वे गाड़ियां चलेंगी, जिनका आखिरी नंबर ईवेन यानी सम होगा।
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कोर्ट ने ऑड ईवेन पर किया सवाल
मामले पर सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि वाहनों की सम विषम योजना का क्या फायदा हुआ है। क्या इसका कोई आकलन किया गया है। कोर्ट ने कहा ये दिखावटी है। तभी मामले की सुनवाई में कोर्ट की मदद कर रहीं वकील न्यायमित्र अपराजिता सिंह ने कहा कि दिल्ली में गाड़ियों में कलर स्टीकर जारी किये गए हैं। डीजल गाड़ियों को नारंगी और सीएनजी व पैट्रोल की गाड़ियों के लिए नीले रंग के स्टीकर गाड़ी में लगाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में पिछले वर्ष आदेश दिया था और दिल्ली व एनसीआर की गाड़ियों में ये स्टीकर लगे हैं। अपराजिता सिंह ने कहा कि वाहनों की सम विषम योजना लागू करने का कोई मतलब नहीं है। नीले स्टीकर वाली सीएनजी और पैट्रोल की गाड़ियों को रोकने का क्या मतलब है।उन्होंने कहा कि आड ईवेन स्कीम अवैज्ञानिक है। सिर्फ नारंगी स्टीकर वाली डीजल की गाड़ियां रोकी जानी चाहिए। कोर्ट ने उनके सुझाव पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। इसके अलावा पीठ ने कहा कि दिल्ली में बहुत सी पीली नंबर प्लेट की टैक्सियां चलती हैं जो कि अन्य राज्यों की हैं और उनमें सिर्फ एक व्यक्ति होता है। क्यों न उन पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी जाए। दिल्ली में सिर्फ दिल्ली नंबर की टैक्सियों को चलने की इजाजत हो।