Move to Jagran APP

Supreme Court: अवैध शराब मामले में पंजाब सरकार को फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- अब तक क्या किया बताएं

सुप्रीम कोर्ट ने आज पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य में अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और बिक्री पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि पंजाब में ड्रग्स और शराब की समस्या एक गंभीर मुद्दा है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 05 Dec 2022 09:04 PM (IST)
Hero Image
सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार को फटकार।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंजाब में अवैध शराब निर्माण और वितरण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। कोर्ट ने सोमवार को मामले को अत्यंत गंभीर और ¨चताजनक बताते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पंजाब की हर गली - मोहल्ले में अवैध शराब की भट्टी हैं। कोर्ट ने कहा पंजाब सीमांत प्रदेश है। अगर कोई देश बर्बाद करना चाहता है तो वे सीमा से शुरू करेंगे। देश को बचाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। ये बहुत आसान है कि युवाओं को खत्म करो और देश खत्म करो। कोर्ट ने पंजाब सरकार को इसे रोकने के लिए कदम उठाने और स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पेनाल्टी में वसूली गई रकम जागरुकता अभियान पर खर्च की जानी चाहिए। ये निर्देश न्यायमूर्ति एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने पंजाब में अवैध शराब निर्माण और वितरण के मामले में सुनवाई के दौरान दिये।

31800 एफआइआर दर्ज होना चौकाने वाला नहीं

मामले पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अजीत कुमार सिन्हा और अजय पाल ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल किये गए ताजा हलफनामे और स्टेटस रिपोर्ट का ब्योरा कोर्ट को दिया। सिन्हा ने कहा कि अवैध शराब के मामले में राज्य में 31811 एफआइआर दर्ज हुई हैं। राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस पर जस्टिस शाह ने कहा कि 31800 एफआइआर दर्ज होना चौकाने वाला नहीं है। राज्य सरकार क्या कार्रवाई कर रही है। सिर्फ एफआइआर दर्ज कर रही है।

अवैध शराब निर्माण और ट्रांसपोर्टेशन रुकना चाहिए

राज्य सरकार ने कहा कि 1357 अवैध शराब की भट्टियां बंद कराई गई हैं। कोर्ट ने कहा कि जहां भी अवैध शराब भट्टी पाई जाए स्थानीय पुलिस की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अवैध शराब निर्माण और ट्रांसपोर्टेशन रुकना चाहिए। पीठ ने कहा याचिकाकर्ता का कहना है कि पंजाब में हर गली और मोहल्ले में अवैध शराब की भट्टी है। पंजाब के वकील ने कहा कि भट्टियां अपने इस्तेमाल के लिए हैं कामर्शियल उत्पादन के लिए नहीं हैं। राज्य सरकार ने पेनाल्टी वसूली है। करोड़ों में पेनाल्टी की रकम है।

जागरुकता अभियान पर खर्च हो वसूली गई राशि

पीठ ने पूछा यह रकम कहां जा रही है। वकील ने कहा सरकारी खजाने में। जस्टिस शाह ने कहा कि वसूली गई राशि जागरुकता अभियान पर खर्च होनी चाहिए। तभी याचिकाकर्ता के वकील ने जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर मुआवजा देने की मांग की। कोर्ट ने कहा कि यह दुभा‌र्ग्यपूर्ण है वे इस पर विचार करेंगे लेकिन ये सरकार का नीतिगत मामला है। पीठ ने टिप्पणी में यह भी कहा कि किसने कहा था कि वह जाकर शराब पिये। कोर्ट सरकार से कैसे कह सकता है कि टैक्स देने वालों का पैसा मुआवजे पर खर्च करो। हालांकि कोर्ट ने अवैध और जहरीली शराब का शिकार होने वाले मजदूरों और गरीबों के परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई।

विस्तृत हलफनामा दाखिल करे राज्‍य सरकार

कोर्ट ने मामले को अगले सोमवार को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल कर अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है। पंजाब सरकार ने दाखिल हलफनामे में कोर्ट को बातया कि अवैध शराब के धंधे रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। दो साल में अवैध शराब के मामलों में 31811 एफआइआर दर्ज हुईं 28466 गिरफ्तारियां हुईं और 862803 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई। 1357 अवैध शराब की भट्टियां बंद कराई गईं।