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सुप्रीम कोर्ट ने नकली नोट रखने वाले सब्जी विक्रेता की सजा कम की, तत्काल रिहाई के दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक सब्जी विक्रेता को राहत देते हुए उसकी जेल की सजा कम कर दी। सब्जी विक्रेता को 10 रुपये के 43 नकली नोट रखने के अपराध में दोषी ठहराया गया था। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने तमिलनाडु के थेनी जिले के निवासी पलानीसामी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 12:56 AM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक सब्जी विक्रेता को राहत देते हुए उसकी जेल की सजा कम कर दी।
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक सब्जी विक्रेता को राहत देते हुए उसकी जेल की सजा कम कर दी। सब्जी विक्रेता को 10 रुपये के 43 नकली नोट रखने के अपराध में दोषी ठहराया गया था। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने तमिलनाडु के थेनी जिले के निवासी पलानीसामी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

तत्काल रिहा करने का दिया आदेश

पीठ ने 10 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि उसके खिलाफ आरोप सिर्फ आइपीसी की धारा 489सी के तहत है। मुख्य आरोपित अभी भी फरार है। पीठ ने कहा कि उपरोक्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा को संशोधित करके पहले से भुगती गई सजा में बदलने के इच्छुक हैं। हाई कोर्ट द्वारा दी गई पांच साल की सजा को पहले ही भुगती गई अवधि में संशोधित करके अपील की अनुमति दी जाती है। यदि किसी अन्य मामले में आवश्यक न हो तो अपीलकर्ता को तत्काल रिहा कर दिया जाए।

सात साल तक की हो सकती है कैद

आइपीसी की धारा 489सी नकली नोट रखने के अपराध से संबंधित है और इसमें सात साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। पलानीसामी को ट्रायल कोर्ट ने आठ जनवरी, 2014 को इस अपराध के लिए दोषी ठहराया था और सात साल की कैद की सजा सुनाई थी। 24 अक्टूबर, 2019 को मद्रास हाई कोर्ट ने सात साल की कारावास की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया था। वह 451 दिनों तक जेल में रहे।