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'केरल के उधार सीमा' से जुड़े केस पर अब पांच जजों की संविधान पीठ करेगी सुनवाई, SC ने दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार के शुद्ध उधारी की सीमा से जुड़े मुकदमे को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथ ने राज्यों के उधार लेने से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 293 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रविधान अब तक शीर्ष अदालत द्वारा किसी भी आधिकारिक व्याख्या के अधीन नहीं है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 01 Apr 2024 06:45 PM (IST)
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केरल का उधार सीमा से जुड़ा केस पांच जजों वाली संविधान पीठ को भेजा गया। फाइल फोटो।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार के शुद्ध उधारी की सीमा से जुड़े मुकदमे को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया। मुकदमे में राज्य ने आरोप लगाया गया है कि केंद्र उधार लेने पर सीमा लगाकर राज्य के वित्त को विनियमित करने के उसके विशेष, स्वायत्त अधिकार में हस्तक्षेप कर रहा है।

कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथ ने राज्यों के उधार लेने से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 293 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रविधान अब तक शीर्ष अदालत द्वारा किसी भी आधिकारिक व्याख्या के अधीन नहीं है।

केरल सरकार ने दिया अनुच्छेद 131 का हवाला

संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर मूल मुकदमे में केरल सरकार ने कहा कि संविधान विभिन्न अनुच्छेदों के तहत राज्यों को अपने वित्त को विनियमित करने के लिए राजकोषीय स्वायत्तता प्रदान करता है और उधार सीमा और इसे बढ़ाने का अधिकार राज्य विधान को होता है। संविधान का अनुच्छेद 131 केंद्र और राज्य के बीच किसी भी विवाद में शीर्ष अदालत के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है।

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