Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पाक द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर SC ने हस्तक्षेप से किया इनकार, कहा- राजनीतिक तरीके से सुलझाए मामले

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है और इसे राजनीतिक तरीके से सुलझाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में पाकिस्तान के जलक्षेत्र में भटककर आये भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी को लेकर याचिका दायर की गई थी जिस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 04:16 PM (IST)
Hero Image
पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठा।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है और इसे राजनीतिक तरीके से सुलझाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट में पाकिस्तान के जलक्षेत्र में भटककर आये भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसे मछुआरों को रिहा करने के लिए पाकिस्तान को निर्देश जारी नहीं कर सकती है। बताया गया कि इस मामले का निर्धारण संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है। अनुच्छेद-32 में भारतीय नागरिकों अपने मौलिक अधिकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार है।

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील से पूछा,

क्या यह याचिका अनुच्छेद-32 में निर्धारित किया जाना है? पाकिस्तान और भारत अपने मछुआरों की समस्या को कैसे सुलझाएंगे, हम निर्देश जारी करेंगे? क्या हम उन्हें रिहा करने के लिए पाकिस्तान को निर्देश जारी कर सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल की गई थी दायर

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाकर्ताओं ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी। दो याचिकाकर्ता गुजरात और एक याचिकाकर्ता महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, जिस पर पीठ सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ता ने क्या दी दलील?

याचिकाकर्ताओं के वकील ने भारत और पाकिस्तान के न्यायाधीशों वाली एक न्यायिक समिति को पुनर्जीवित करने की मांग की, जिसका गठन 2008 में कैदियों के मुद्दे को पारस्परिक रूप से हल करने के लिए किया गया था।

इस पर पीठ ने सवाल किया कि आज का परिदृश्य क्या है? आज पाकिस्तान के साथ कैसे संबंध हैं? पीठ ने कहा कि ये मुद्दे केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं।

पीठ ने कहा कि राजनीतिक मामलों को राजनीतिक रूप से सुलझाया जाएगा। उन्होंने याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार से संपर्क करने को कहा। साथ ही कहा कि इसमें हम शामिल नहीं होंगे।