Move to Jagran APP

'ये नहीं हो सकता...' समलैंगिक शादी पर समीक्षा याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई करने से SC का इनकार

शीर्ष अदालत ने समलैंगिक लोगों के अधिकारों के लिए एक मजबूत वकालत की थी ताकि उन्हें उन वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंचने में भेदभाव का सामना न करना पड़े। हालांकि कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को अवैध करार दिया है। इस फैसले की समीक्षा के लिए कोर्ट में याचिका दायर। याचिकाकर्ता ने मांग की कि इस मामले को खुली अदालत में सुनवाई की जाए।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 09 Jul 2024 04:01 PM (IST)
Hero Image
समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा हो: याचिकाकर्ता।(फोटो सोर्स: जागरण)
 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले की समीक्षा करने के लिए याचिका दायर की गई। हालांकि, याचिका पर खुली कोर्ट में सुनवाई करने से अदालत ने इनकार कर दिया। वकील उदित सूद ने अक्टूबर 2023 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए समीक्षा याचिका दायर की।

सैमलैंगिक विवाह को अवैध बता चुकी है कौर्ट

गौरतलब है कि कि शीर्ष अदालत ने समलैंगिक लोगों के अधिकारों के लिए एक मजबूत वकालत की थी ताकि उन्हें उन वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंचने में भेदभाव का सामना न करना पड़े। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी समर्थन देने से इनकार कर दिया था।

नहीं होगी खुली कोर्ट में सुनवाई: सीजेआई

सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच के सामने मंगलवार को याचिकाकर्ता ने इस मामले पर खुली कोर्ट में सुनवाई करने का आग्रह किया। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले पर खुली कोर्ट में सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

बता दें कि पिछले साल अक्तूबर महीन में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के खिलाफ फैसला सुनाया था। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से माना कि विवाह करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है और न्यायालय LGBTQIA+ व्यक्तियों को विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने के अधिकार को मान्यता नहीं दे सकता है।