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Supreme Court: चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर आए नए कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, नोटिस जारी

Chief Election Commissioner Appointment सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस कानून में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल द्वारा करने का प्रावधान है जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 13 Feb 2024 04:13 PM (IST)
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चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर आए नए कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस कानून में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल द्वारा करने का प्रावधान है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल नहीं हैं।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही मामले को अप्रैल में सुनवाई के लिए अन्य दूसरी लंबित याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया।

संवैधानिक वैधता को चुनौती

याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।

कानून SC की संविधान पीठ के फैसले के विपरीत

एडीआर की ओर से सीनियर वकील प्रशांत भूषण पेश हुए। उन्होंने कहा कि कानून सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है जिसमें निर्देश दिया गया था कि सीजेआई उस पैनल में शामिल होंगे जो मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेगा।

भूषण ने कहा कि दो चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होने वाले हैं और अगर कानून के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिका बेकार हो जाएगी।

हम इस मामले में अंतरिम राहत नहीं दे सकते- कोर्ट

पीठ ने प्रशांत भूषण से कहा, माफ करें, हम आपको इस मामले में अंतरिम राहत नहीं दे सकते। संवैधानिक वैधता का मामला कभी भी बेकार नहीं होता। हम अंतरिम राहत देने के लिए अपने मापदंडों को जानते हैं।

ये सदस्य करेंगे नियुक्ति

नए कानून के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री अध्यक्ष के तौर पर, सदन में विपक्ष के नेता लोग सदस्य के तौर पर, प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे।

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