'शाही ईदगाह गिराकर जमीन हिंदुओं को सौंपी जानी चाहिए', वकील ने दिया तर्क; सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा के विवादित शाही ईदगाह से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में विवादित शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि घोषित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के पास इससे जुड़े कई मामले पहले से ही लंबित हैं।
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा के विवादित शाही ईदगाह से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में विवादित शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि घोषित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट के पास इससे जुड़े कई मामले पहले से ही लंबित हैं। कोर्ट ने कहा कि सीधे किसी पीआईएल पर आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।
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शाही ईदगाह से जुड़ी याचिका खारिज
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि आपने इसे एक जनहित याचिका के रूप में दायर किया है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि आप इसे वगैर जनहित याचिका के रूप में दायर कीजिए, फिर कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका खारिज कर दी गई थी, क्योंकि इससे संबंधित मुद्दे अदालत में पहले से लंबित थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे को जनहित याचिका के रूप में देखना, सही नहीं है।
'इस्लाम में कब्जे की गई जमीन पर मस्जिद...'
वकील ने तर्क दिया कि विभिन्न धर्म ग्रंथों में विवादित शाही ईदगाह वाले स्थान को श्री कृष्ण भूमि के रूप में वर्णित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में जबरन कब्जे की गई जमीन पर मंदिर बनाना पवित्र नहीं माना जाता है, इसलिए यह गलत है। वकील ने कहा कि हिंदू धर्म में खंडहर के रूप में भी मंदिर को पवित्र माना जाता है।