पश्चिम बंगाल सरकार को झटका, CBI जांच के खिलाफ मुकदमे की तत्काल सुनवाई पर आदेश देने से SC का इनकार
सुप्रीम कोर्ट का सीबीआइ जांच के खिलाफ मुकदमे की तत्काल सुनवाई पर आदेश देने से इनकार कर दिया है।मामले में बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि मामले में नौ बार सुनवाई स्थगित की गयी है।मुकदमा 2021 में दायर किया गया था और अब वर्ष 2024 आ गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार द्वारा दायर मुकदमे को तत्काल सूचीबद्ध करने पर आदेश पारित करने से बुधवार को इनकार कर दिया। बंगाल सरकार की याचिका में सीबीआइ पर कानून के तहत राज्य से पूर्व अनुमति लिए बगैर चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच जारी रखने का आरोप लगाया गया है।
मामले में बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि मामले में नौ बार सुनवाई स्थगित की गयी है। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह मामला जस्टिस बीआर गवई के नेतृत्व वाली एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है लेकिन हम संविधान पीठ के पास आए हैं।
मैं इस मामले का प्रभारी नहीं हूं
क्या इस पर बुधवार या गुरुवार को सुनवाई हो सकती है। सीजेआइ ने इस पर कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि मैं इस मामले का प्रभारी नहीं हूं। आप उस पीठ के पास जाइए, वे निर्णय लेंगे। हम कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है और कुछ दिन इंतजार किया जा सकता है।सिब्बल ने कहा कि इंतजार नहीं किया जा सकता
सिब्बल ने कहा कि इंतजार नहीं किया जा सकता। मुकदमा 2021 में दायर किया गया था और अब वर्ष 2024 आ गया है। बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मूल मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीबीआइ बंगाल के न्यायाधिकार क्षेत्र में प्राथमिकियां दर्ज कर रही है और अपनी जांच बढ़ा रही है, जबकि संघीय एजेंसी को दी गई जांच करने की मंजूरी वापस ली जा चुकी है।
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