सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा अनुसंधान नीति पर दाखिल याचिका खारिज की, कहा- इसमें याचिकाकर्ता का निजी हित
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश में चिकित्सा अनुसंधान नीति पर नीति आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोई भी इच्छुक पक्ष इस मामले में जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल नहीं कर सकता है। पीठ ने कहा कि निजी हित रखने वाला व्यक्ति सार्वजनिक हित के लिए भागदौड़ नहीं कर सकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश में चिकित्सा अनुसंधान नीति पर नीति आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोई भी इच्छुक पक्ष इस मामले में जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल नहीं कर सकता है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता केएम चेरियन प्रथम दृष्टया इच्छुक पक्ष हैं। पीठ ने कहा कि चिकित्सा अनुसंधान करने वाली उनकी फर्म दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।