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दिव्यांगों के लिए आरक्षण संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, लोकसभा चुनावों में की गई थी आरक्षण की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की मांग करने वाली एक जनहित याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि न्यायपालिका नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम चुनावों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण का आदेश नहीं दे सकते।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 26 Feb 2024 09:41 PM (IST)
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दिव्यांगों के लिए आरक्षण संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की मांग करने वाली एक जनहित याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि न्यायपालिका नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम चुनावों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण का आदेश नहीं दे सकते। यह पूरी तरह से एक नीतिगत मामला है। इसे खारिज कर दिया गया है।

पीठ ने जनहित याचिका में दलील पर सवाल उठाया

पीठ ने जनहित याचिका में इस दलील पर भी सवाल उठाया कि उम्मीदवारों को नामांकन फॉर्म में अपनी दिव्यांगता की स्थिति के बारे में खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए। पीठ ने पूछा कि नामांकन फॉर्म में यह खुलासा क्यों किया जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति दिव्यांग है।

जयंत राघव ने दायर की थी जनहित याचिका

जनहित याचिका दिल्ली के द्वारका निवासी जयंत राघव की ओर से दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के चुनाव निकायों को पक्षकार बनाया था।

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