सुप्रीम कोर्ट ने जातियों के दोबारा वर्गीकरण की मांग की खारिज, याचिकाकर्ता पर लगाया 25 हजार रुपये का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में जातियों के दोबारा वर्गीकरण की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता पर ने 25 हज़ार हर्जाना लगाया। शीर्ष अदालत वकील सचिन गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें जाति व्यवस्था के पुन वर्गीकरण के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 04 Jul 2023 12:56 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में जातियों के दोबारा वर्गीकरण की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए उसपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने एक वकील द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। पीठ ने कहा कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस तरह की जनहित याचिकाएं बंद होनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 का आह्वान करते हुए केंद्र को जाति व्यवस्था के पुन: वर्गीकरण के लिए एक नीति तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
पीठ ने कहा
यह जनहित याचिका अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। हम इसे खारिज करते हैं और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को 25,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश देते हैं। याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर भुगतान की रसीद पेश करनी होगी।