सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड कर्नल और प्रोफेसर को राहत, FIR को लेकर मणिपुर पुलिस की दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्नल के खिलाफ दर्ज एक मामले में मणिपुर पुलिस की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचा लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रोफेसर को भी बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रोफेसर के भाषण के आधार पर दर्ज एक मामले में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है। दोनों के खिलाफ मणिपुर पुलिस ने अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
मणिपुर पुलिस ने दर्ज की थी दो FIR
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में हुई सुनवाई
CJI डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इन दलीलों पर गौर किया कि कोई भी वकील उनके मामले को उठाने और मणिपुर हाईकोर्ट में पेश होने के लिए तैयार नहीं है। इस पर पीठ ने नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘हम आपसे हलफनामा दाखिल करने के लिए कह रहे हैं कि कोई भी वकील ऐसा नहीं है जो आपके लिए मणिपुर के हाईकोर्ट में पेश होना चाहता हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों लोगों को राहत देते हुए किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी।
मणिपुर हाईकोर्ट में भी निपटाया जा सकता था मामला- तुषार मेहता
वहीं, मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले को मणिपुर हाईकोर्ट में भी निपटाया जा सकता था, लेकिन अब सीधे सुप्रीम कोर्ट के रुख करने का पैटर्न बन गया है। इस पर पीठ ने कहा कि अगर वकील पेश नहीं हो रहे हैं तो हम कानूनी सहायता की व्यवस्था भी कर सकते हैं या फिर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगेंगे।वकील आनंद ग्रोवर ने याचिकाकर्ताओं का रखा पक्ष
पीठ ने रिटायर्ड कर्नल को राहत दी
इस पर पीठ ने रिटायर्ड कर्नल को राहत दी और कहा कि एकलौता सवाल यह है कि क्या हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए और इस मामले को हाईकोर्ट में वापस भेजना चाहिए। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान किए जाने को लेकर आपत्ति नहीं है, लेकिन मुद्दा यह है कि जब मणिपुर हाईकोर्ट काम कर रहा है तो सीधे शीर्ष अदालत में जाने का क्या यह सही तरीका है।