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'आप चुनिंदा जानकारी नहीं दे सकते', SBI को चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार; कहा- तीन दिन में सब कुछ सार्वजनिक करें

Supreme Court on Electoral bonds चुनावी बॉन्ड पर जानकारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर एसबीआई को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि उसने एसबीआई से चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा करने को कहा था और जिसमें चुनावी बॉन्ड नंबर भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि SBI को चुनिंदा जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 18 Mar 2024 12:11 PM (IST)
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SC on electoral bonds एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से फटकार।
एजेंसी, नई दिल्ली। Supreme Court on Electoral bonds चुनावी बॉन्ड पर हुई ताजा सुनवाई में आज फिर सुप्रीम कोर्ट ने SBI के फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि उसने एसबीआई से चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा करने को कहा था और जिसमें चुनावी बॉन्ड नंबर भी शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई को चुनिंदा जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए।

SBI को हलफनामा दायर करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट (SC on Electoral bonds) का कहना है कि वह एसबीआई से चुनावी बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने के लिए कहेगा। कोर्ट ने एसबीआई चेयरमैन को 21 मार्च यानी गुरुवार शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें बताना होगा कि एसबीआई ने सारी जानकारी का खुलासा किया है।

इसी के साथ जो भी बॉन्ड के पैसे निकाल लिए गए हैं, उनके अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर भी बताने होंगे।

सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कहा कि वह अपने पास मौजूद हर जानकारी शीर्ष कोर्ट को देगा और बैंक ने यह भी कहा कि उसने अब तक अपने पास मौजूद किसी भी जानकारी को छिपाकर नहीं रखा है।

यूनिक नंबर भी बताना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पिछली सुनवाई के दौरान भी कहा था कि आपको चुनावी बॉन्ड पर यूनिक नंबर भी बताना होगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि बैंक को केवल हमाने आदेश पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए।

कोर्ट ने इसी के साथ कहा कि चुनाव आयोग एसबीआई से जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर विवरण अपलोड करेगा।

केंद्र ने कोर्ट में क्या कहा?

  • केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चुनावी बॉन्ड का अंतिम उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था और शीर्ष अदालत को पता होना चाहिए कि इस फैसले को अदालत के बाहर कैसे रखा जा रहा है।
  • तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के समक्ष मौजूद लोगों ने प्रेस साक्षात्कार देना शुरू कर दिया और जानबूझकर अदालत को शर्मिंदा करना शुरू कर दिया। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी गलत पोस्ट शुरू हो गए हैं।
  • सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में कुछ निर्देश जारी करने पर विचार करने को कहा।
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