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EVM से डाले गए वोटों का VVPAT से सत्यापन कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपीएटी के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का इस्तेमाल करके डाले गए वोटों के पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाओं पर चुनाव आयोग का जवाब सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं याचिकाकर्ताओं ने 2017 के फैसले को उलटने की भी मांग की है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 18 Apr 2024 06:01 PM (IST)
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याचिकाकर्ताओं ने 2017 के फैसले को उलटने की भी मांग की है। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपीएटी के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का इस्तेमाल करके डाले गए वोटों के पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाओं पर चुनाव आयोग का जवाब सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

याचिकाकर्ताओं ने 2017 के फैसले को उलटने की मांग की

याचिकाकर्ताओं ने वीवीपैट मशीनों पर पारदर्शी ग्लास (Transparent Glass) को अपारदर्शी ग्लास (Opaque Glass) से बदलने के पोल पैनल के 2017 के फैसले को उलटने की भी मांग की है, जिसके जरिए से एक मतदाता केवल सात सेकंड के लिए रोशनी चालू होने पर ही पर्ची देख सकता है।

ईवीएम के काम करने की प्रक्रिया के बारे में कोर्ट को बताया

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने ईवीएम के काम करने की प्रक्रिया के बारे में कोर्ट को बताया। वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और गोपाल शंकरनारायणन पेश हुए।

भारत में चुनावी प्रक्रिया बहुत बड़ा काम- शीर्ष कोर्ट

बता दें कि 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की आलोचना और मतपत्रों को वापस लाने की मांग की निंदा करते हुए कहा था कि भारत में चुनावी प्रक्रिया बहुत बड़ा काम है और सिस्टम को खराब करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

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