Move to Jagran APP

ज्ञानवापी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में संशोधन कर मुस्लिम पक्ष की निस्तारित याचिका पुनर्स्थापित की

बुधवार की सुबह मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने यह मुद्दा उठाया और कोर्ट से 24 जुलाई के आदेश में संशोधन का अनुरोध किया। अहमदी ने कहा कि कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका निस्तारित करने की बात आदेश में लिखाई है जबकि उस पर तो अभी सुनवाई नहीं हुई है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 26 Jul 2023 10:46 PM (IST)
Hero Image
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में संशोधन कर निस्तारित याचिका पुनर्स्थापित की (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गलती से निस्तारित हुई हिन्दू पक्ष के पूजा अर्चना के अधिकार के मूल वाद को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में पुनर्स्थापित हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के अनुरोध पर बुधवार को अपने 24 जुलाई के आदेश में संशोधन करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को निस्तारित किये जाने की पंक्ति को हटा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा था?

कोर्ट ने ये आदेश मुस्लिम पक्ष द्वारा मामला उठाए जाने और भूल वश उसकी याचिका निस्तारित घोषित करने के आदेश में संशोधन की मांग स्वीकारते हुए और उस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार और एएसआई की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से वस्तुस्थिति समझने के बाद जारी किये। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाने के आदेश में मुस्लिम पक्ष की विशेष अनुमति याचिका निस्तारित किये जाने की बात लिखी थी।

जिसका मतलब था कि हिन्दू पक्ष के मूल वाद जिसमें पूजा अर्चना का अधिकार मांगा गया है, की योग्यता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की विशेष अनुमति याचिका निस्तारित हो गई यानी मुस्लिम पक्ष का मूल मुकदमे पर सवाल उठाने का मामला ही खतम हो गया, जबकि उस मामले में अभी तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और बहस नहीं हुई थी।

मुस्लिम पक्ष के वकील ने क्या कुछ कहा?

बुधवार की सुबह मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने यह मुद्दा उठाया और कोर्ट से 24 जुलाई के आदेश में संशोधन का अनुरोध किया। अहमदी ने कहा कि कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका निस्तारित करने की बात आदेश में लिखाई है, जबकि उस पर तो अभी सुनवाई नहीं हुई है। 24 जुलाई को तो सिर्फ ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के खिलाफ दाखिल अर्जी पर ही बहस हुई थी। उनके अनुरोध पर कोर्ट ने सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को बुलाने को कहा।

बाद में तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अहमदी की बात से सहमति जताई। जिसके बाद कोर्ट ने अपने 24 जुलाई के आदेश में संशोधन करते हुए विशेष अनुमति याचिका निस्तारित करने की पंक्ति हटा दी और उसकी जगह अर्जी निस्तारित करने की बात लिखाई। कोर्ट द्वारा आदेश में किये गए इस संशोधन से मुस्लिम पक्ष की हिन्दू पक्ष के मूल वाद पर सवाल उठाने वाली विशेष अनुमति याचिका फिर से रिवाइव यानी बहाल हो गई है।