DSPE एक्ट में गिरफ्तारी से छूट का प्रावधान रद्द करने का 2014 का फैसला पूर्वव्यापी तारीख से होगा प्रभावी: SC
Supreme Court उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को इस पर सुनवाई शुरू की कि क्या गिरफ्तारी से छूट देने वाले प्रावधान को रद्द करने का पिछली तारीख से प्रभाव पड़ेगा या नहीं। जिसमें कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी से छूट का प्रावधान रद्द करने का पहले के केसों पर असर पड़ेगा। संविधान का अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में सुरक्षा प्रदान करता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस पर सुनवाई शुरू की कि क्या गिरफ्तारी से छूट देने वाले प्रावधान को रद्द करने का संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत संरक्षित अधिकारों के मद्देनजर पिछली तारीख से प्रभाव पड़ेगा या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 2014 में लिया गया फैसला जिसमें दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 के एक प्रावधान को रद्द कर दिया गया था। जिस प्रावधान में संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों को गिरफ्तारी से छूट प्रदान करता था। इस प्रावधान पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा यह अब पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा।
अपने मई 2014 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम की धारा 6ए(1) को अमान्य करार दिया था। धारा 6ए(1) तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कथित किसी भी अपराध की जांच या जांच करने के लिए केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता थी।
इस मामले में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया कि क्या गिरफ्तारी से छूट देने वाले प्रावधान को रद्द करने का संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत संरक्षित अधिकारों के मद्देनजर पूर्वव्यापी प्रभाव होगा। संविधान का अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में सुरक्षा प्रदान करता है।
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