सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केन्या में बेटे की कस्टडी लेने में महिला की मदद करे केंद्र सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक महिला को केन्या में अपने पति से बेटे की कस्टडी हासिल करने में भारतीय दूतावास हर संभव सहायता मुहैया कराए। उसके पति ने कस्टडी के इस मुकदमे में कोर्ट की अवमामना और धोखाधड़ी की है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 03 Nov 2022 11:06 PM (IST)
दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक महिला को केन्या में अपने पति से बेटे की कस्टडी हासिल करने में भारतीय दूतावास हर संभव सहायता मुहैया कराए। उसके पति ने कस्टडी के इस मुकदमे में कोर्ट की अवमामना और धोखाधड़ी की है। भारतीय मूल के केन्याई नागरिक पेरी कंसाग्रा को सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को पहले ही अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। उसने अलग रह रही पत्नी से अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए मुकदमे की सुनवाई के दौरान वचन दिया था कि वह लौटेगा, लेकिन नहीं लौटा।
अदालत को धोखा देकर अपने बेटे को ले गया केन्या
शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अनुसार कंसाग्रा ने बेटे को केन्या ले जाते समय सिक्योरिटी के तौर पर रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये जमा किए थे। वह अदालत को धोखा देकर अपने बेटे को केन्या ले गया। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में सिक्योरिटी के तौर पर जमा किए गए रुपये में से 25 लाख रुपये महिला को सात दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया ताकि केन्या में अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए कानूनी कार्रवाई और अन्य उपाय किया जा सके।