Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Supreme Court: UAPA प्रविधानों को चुनौती देने वाली याचिकाएं वापस लेने की सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के कई प्रविधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अधिनियम के प्रविधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले झूठे मुकदमों पर सुनवाई की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि वह केवल उन्हीं लोगों की आतंकवाद रोधी कानून की शक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।

By Jagran News Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Thu, 15 Feb 2024 07:11 PM (IST)
Hero Image
सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के कई प्रविधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर की सुनवाई (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। Hearing On UAPA In Supreme Court:  गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रविधानों को चुनौती देने वाले याचिकाओं को वापस लेने की सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि हम उचित मंचों पर जाने का फैसला लिया है।

गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि क्या वे यूएपीए मामलों में एफआइआर को रद करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं या वे सुप्रीम कोर्ट में कानून को चुनौती देना चाहते हैं।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने बुधवार को कहा था कि वह यूएपीए की शक्तियों को चुनौती देने के लिए झूठे मुकदमेबाजी की अनुमति नहीं देंगे। आठ याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दी गई। मामले से जुड़े वकीलों ने कहा कि वे राहत के लिए क्षेत्राधिकार वाले हाई कोर्ट से संपर्क करना चाहेंगे।

वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गिरफ्तारी से सुरक्षा देने वाले 17 नवंबर, 2021 के अंतरिम आदेश को दो सप्ताह के लिए बढ़ाया जाए। जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि अदालत ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करने जा रही है, लेकिन मौखिक रूप से त्रिपुरा पुलिस से कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है। पीठ ने एनजीओ की याचिका वापस लेने का अनुरोध स्वीकार कर लिया।