'हम पूरी व्यवस्था नहीं चला सकते' सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की DNA टेस्ट को मंजूरी देने की मांग वाली याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने डीएनए परीक्षण को मंजूरी देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम पूरी व्यवस्था को नहीं चला सकते। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये भी कहा कि पूरी प्रणाली पर फैसला नहीं दिया जा सकता है।
By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Mon, 30 Oct 2023 05:59 PM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में पितृत्व सुनिश्चित करने संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए डीएनए परीक्षण को मंजूरी देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह पूरी व्यवस्था को नहीं चला सकते हैं।
पूरी प्रणाली पर फैसला नहीं दे सकते: सुप्रीम कोर्ट
यह याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को आई। सर्वोच्च अदालत ने पाया कि याचिका में की गई इस तरह की मांग को समूचे देश के आधार पर मानना बहुत ही मुश्किल है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसे किसी एक मामले को तो सुलझाया जा सकता है, लेकिन अदालत पूरी प्रणाली पर फैसला नहीं दे सकती है।
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अदालत ने याचिका पर उठाए सवाल
खंडपीठ ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत याचिकाकर्ता से कहा कि एक वैध विवाह के तहत जन्मे बच्चे को वैध माना जाएगा। ऐसे में यह किस तरह की याचिका है? व्यक्तिगत रूप से कौन इस मामले में पेश हो रहा है। क्या आप चाहते हैं कि देशभर में डीएनए टेस्ट कराए जाएं।SC ने क्यों खारिज की याचिका?
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उनका कोई निजी मुकदमा भी है। इस पर याचिकाकर्ता ने हामी भरते हुए कहा कि इस मुद्दे पर उनका सात साल पुराना विवाद है। खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मांग को पूरे देश के लिए स्वीकार करना बेहद कठिन है, जबकि यह मांग भी इसलिए की जा रही है कि याचिकाकर्ता के इस संबंध में कुछ मुद्दे लंबित हैं।ये भी पढ़ें:
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