मतांतरण गंभीर मुद्दा है, इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मतांतरण गंभीर मुद्दा है इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। तमिलनाडु के वकील की ओर से याचिका को राजनीति से प्रेरित बताने पर कोर्ट ने फटकार भी लगाई है। शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल से सुनवाई में मदद करने का आग्रह किया।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 09 Jan 2023 09:33 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को धोखा, दबाव या लालच में मतांतरण को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने मतांतरण का मुद्दा उठाने वाली याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आपत्ति उठाए जाने पर तमिलनाडु को फटकार लगाई और कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। इसे राजनीतिक रंग न दें।
अटार्नी जनरल से मदद करने का अनुरोध
कोर्ट ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी से मामले की सुनवाई में मदद करने का अनुरोध करते हुए कहा कि याचिका में धोखा, लालच और दबाव में मतांतरण की बात कही गई है। अगर यह सच है, तो इसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए? इस बारे में क्या सुधारात्मक कदम हो सकते हैं?
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सात फरवरी को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने तमिलनाडु और केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई सात फरवरी तक के लिए टाल दी। भाजपा नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर धोखा, लालच व दबाव में जबरन मतांतरण का आरोप लगाते हुए इसे रोकने के लिए कड़े उपाय किए जाने की मांग की है। सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एमआर शाह व सीटी रवि कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगी थी।
''राजनीति से प्रेरित है याचिका''
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी. विल्सन ने कहा कि कोर्ट को यह मामला विधायिका पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है। याचिकाकर्ता भाजपा नेता हैं। तमिलनाडु में ऐसा कोई मतांतरण नहीं हो रहा है।पीठ ने विल्सन के बयान पर जताई आपत्ति
याचिका को राजनीति से प्रेरित बताने पर पीठ ने आपत्ति जताते हुए विल्सन से कहा कि आपके ऐसा कहने के पीछे कोई और कारण हो सकता है। कोर्ट की सुनवाई को दूसरी चीजों में न बदलें। आप इस मामले को एक राज्य को निशाना बनाने की नजर से न देखें। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में अटार्नी जनरल को सुनना चाहता है।