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SC: ''कैद का अभियुक्तों पर पड़ता है हानिकारक प्रभाव'', NDPS एक्ट से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट से जुड़े मामले में एक आरोपित को जमानत प्रदान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैद के कई और हानिकारक प्रभाव होते हैं मसलन परिवारों का बिखरना पारिवारिक बंधनों का टूटना और समाज से अलगाव। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 31 Mar 2023 03:38 AM (IST)
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NDPS एक्ट से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी।

नई दिल्ली, एएनआई। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट से जुड़े मामले में एक आरोपित को जमानत प्रदान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैद के कई और हानिकारक प्रभाव होते हैं मसलन परिवारों का बिखरना, पारिवारिक बंधनों का टूटना और समाज से अलगाव।

सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

जस्टिस एस. रविंद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा, ''कैदी के अपराध की ओर मुड़ने का एक और खतरा है, क्योंकि अपराध न केवल सराहनीय हो जाता है, बल्कि अपराध जितना अधिक पेशेवर होता है, अपराधी को उतना ही अधिक सम्मान दिया जाता है।'

पीठ ने कहा, ''आरोपित जब सबसे कमजोर आर्थिक तबके का होता है तो कैद के और भी हानिकारक प्रभाव होते हैं। आजीविका का तुरंत चला जाना भी इसमें शामिल है।''

शीर्ष अदालत ने दिया सुझाव

शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि अदालतों को इन पहलुओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और कड़े प्रविधानों वाले मामलों में तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने अक्टूबर, 2015 में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद मुस्लिम उर्फ हुसैन नामक व्यक्ति को जमानत देते हुए यह टिप्पणियां कीं। निचली अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।