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Tamil Nadu: उदयनिधि को तमिलनाडु से बाहर करना होगा मुकदमों का सामना, सनातन धर्म विवाद से जुड़ा है मामला

सनातन धर्म विवाद पर उदयनिधि की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि आप तमिलनाडु में नहीं रह सकते आपको बाहर जाना होगा..हमें बताएं कि सबसे सुविधाजनक राज्य कौन सा है? याचिका में कहा गया है कि द्रमुक नेता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न पुलिस थानों और अदालतों में पेश होने में काफी कठिनाई होगी।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 15 Aug 2024 05:30 AM (IST)
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दयनिधि को तमिलनाडु से बाहर करना होगा मुकदमों का सामना

 जेएनएन, नई दिल्ली। सनातन धर्म को मच्छरों, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करने का बयान देने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के पुत्र एवं राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को तमिलनाडु के बाहर ही मुकदमों का सामना करना होगा।

उदयनिधि की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, 'आप तमिलनाडु राज्य में नहीं रह सकते, आपको बाहर जाना होगा..हमें बताएं कि सबसे सुविधाजनक राज्य कौन सा है?'

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

गौरतलब है कि सनातन धर्म के विरुद्ध टिप्पणी करने पर उदयनिधि के खिलाफ विभिन्न राज्यों में एफआइआर एवं शिकायतें दर्ज हुई थीं। उन्होंने इन मामलों को क्लब करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया है और इस बीच उदयनिधि को अदालतों में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से छूट प्रदान कर दी।

याचिका में उदयनिधि ने इस बात को रेखांकित किया है कि एक मामला बेंगलुरु के एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष है, जबकि बाकी मामले या शिकायतें महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में लंबित हैं जो वर्तमान में केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा द्वारा शासित हैं।

द्रमुक नेता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं

याचिका में कहा गया है कि द्रमुक नेता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न पुलिस थानों और अदालतों में पेश होने में काफी कठिनाई होगी। जब स्टालिन के वकील ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि अयोध्या के एक संत ने उनका सिर धड़ से अलग करने पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है, तो पीठ ने टिप्पणी की, ''इस प्रकृति के लोग होते हैं, लेकिन आप इसे धमकी के रूप में न लें।''