मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और एजेंसियों से मांगी रिपोर्ट, कहा- फैसला लेने में मिलेगी मदद
Manipur Violence सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर सरकार सीबीआई और एनआईए को निर्देश दिया कि वे जातीय हिंसा के मामलों में दायर आरोप पत्रों और जांच की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह फैसला लेने में मदद मिल सकेगी कि सुनवाई असम में ही शुरू होगी या मणिपुर में भी की जा सकती है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर सरकार, सीबीआई और एनआईए को निर्देश दिया कि वे जातीय हिंसा के मामलों में दायर आरोप पत्रों और जांच की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह फैसला लेने में मदद मिल सकेगी कि सुनवाई असम में ही शुरू होगी या मणिपुर में भी की जा सकती है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह हिंसक घटनाओं, सशस्त्र विरोध प्रदर्शनों, राजमार्गों को अवरुद्ध करने और हमले के मद्देनजर मणिपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी नहीं कर सकती है।
नागरिक समाज संगठनों को निर्देश जारी नहीं कर सकते
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ये ऐसे मामले हैं जिनमें अदालत निर्देश नहीं दे सकती। हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नागरिक समाज संगठनों को निर्देश जारी नहीं कर सकते। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार है।जस्टिस गीता मित्तल समिति की रिपोर्ट पर संज्ञान लेने को कहा
कोर्ट ने राज्य सरकार और जांच एजेंसियों की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से राज्य में हिंसा की हालिया घटनाओं पर जस्टिस गीता मित्तल समिति की हालिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेने को कहा है।अटॉर्नी जनरल को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने को कहा
जस्टिस मित्तल की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन न्यायाधीशों का पैनल चाहता था कि सुप्रीम कोर्ट हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद कुछ आदेश पारित करे। कोर्ट ने पैनल की ओर से पेश वकील से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए अटॉर्नी जनरल को रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी के लिए गुवाहाटी के एक विशेष न्यायाधीश से प्राप्त सूचना का हवाला दिया, जिन्हें मणिपुर में ¨हसा के मामले स्थानांतरित किए गए थे।ये भी पढ़ें: Indira Canteen: आम चुनाव से पहले 600 इंदिरा कैंटीन खोलेगी कर्नाटक सरकार, गरीबों को कम दर पर खाना खिलाना उद्देश्य