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यूट्यूबर मनीष कश्यप केस में SC ने बिहार-तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब, कहा- सभी पांच FIR एक साथ किया जाए क्लब

मनीष कश्यप की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे पेश हुए। उन्होंने कहा कि याची के खिलाफ पांच केस दर्ज हुए हैं और यह केस तमिलनाडु और बिहार में दर्ज हुए हैं। साथ ही याची के वकील के दलील दी कि अर्नब गोस्वामी केस का उदाहरण सामने हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 28 Apr 2023 10:57 PM (IST)
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यूट्यूबर मनीष कश्यप केस में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार-तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली, पीटीआई। यूट्यूबर मनीष कश्यप की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने दोनों राज्य की सरकारों से कहा कि मनीष के खिलाफ दर्ज सभी पांच एफआईआर को एक साथ क्लब किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्णा मुरारी की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र, तामिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उनके खिलाफ दो राज्यों में पांच केस दर्ज किए गए हैं जिन्हें क्लब किया जाए।

मनीष कश्यप की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे पेश हुए। उन्होंने कहा कि याची के खिलाफ पांच केस दर्ज हुए हैं और यह केस तमिलनाडु और बिहार में दर्ज हुए हैं। साथ ही याची के वकील के दलील दी कि अर्नब गोस्वामी केस का उदाहरण सामने हैं। एक मामले में कई जगह कार्रवाई नहीं चलाई जा सकती है।

याची के वकील ने कहा कि वह अदालत से आग्रह करते हैं कि बिहार के केस के साथ बाकी केस भी क्लब कर दिया जाए। उन्हें तमिलनाडु में दर्ज केस में ले जाया जा रहा है और उन्हें भाषा की दिक्कत है, क्योंकि वहां की भाषा उन्हें समझ में नहीं आती है।

''साधारण नहीं है यह घटना''

सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि कश्यप ने जो किया है उससे कई लोगों की जान चली गई है और यह घटना साधारण घटना नहीं है। कश्यप को एनएसए के तहत कस्टडी में भी लिया गया है।

वहीं, याची के वकील ने कहा कि कश्यप के खिलाफ दर्ज केस रद्द किया जाना चाहिए। तमिलनाडु पुलिस के एसपी के मुताबिक, तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले का फर्जी विडियो कश्यप ने प्रसारित किया था और इस कारण उसे हिरासत में लिया गया था। पांच अप्रैल को मदुरै की जिला अदालत में कश्यप को पेश किया गया था उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।