Elgar Parishad case: अंतरिम जमानत की मांग पर SC ने NIA और महाराष्ट्र राज्य से मांगा जवाब, 6 साल पुराना है केस
Elgar Parishad case न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने अंग्रेजी साहित्य की प्रोफेसर और महिला अधिकार कार्यकर्ता सेन के आवेदन पर एनआईए और राज्य को नोटिस जारी किया जिन्हें मामले के सिलसिले में 6 जून 2018 को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे शहर के शनिवारवाड़ा में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 23 Aug 2023 04:22 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में आरोपी कार्यकर्ता शोमा कांति सेन की स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग वाली अर्जी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और महाराष्ट्र राज्य से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने अंग्रेजी साहित्य की प्रोफेसर और महिला अधिकार कार्यकर्ता सेन के आवेदन पर एनआईए और राज्य को नोटिस जारी किया, जिन्हें मामले के सिलसिले में 6 जून 2018 को गिरफ्तार किया गया था।
शीर्ष अदालत बंबई उच्च न्यायालय के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने वाली सेन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें जमानत के लिए विशेष एनआईए अदालत से संपर्क करने का निर्देश दिया गया था।
अंतरिम जमानत के लिए एक आवेदन किया दायर
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे शहर के शनिवारवाड़ा में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस ने दावा किया कि अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी।
पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था। बुधवार को सुनवाई के दौरान सेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अंतरिम जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है। उन्होंने कहा, ''मैंने अंतरिम जमानत के लिए एक आवेदन दायर किया है। इसका कारण यह है कि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।'' उन्होंने कहा कि सेन 65 साल के हैं और पांच साल से न्यायिक हिरासत में हैं।