Supreme Court: चुनावी बांड योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कहा- इसमें चुनिंदा गुमनामी और गोपनीयता का प्रावधान
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने केंद्र की ओर से दलीलें रख रहे सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से कहा कि योजना के साथ समस्या तब होगी जब यह राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान नहीं करेगी और अगर यह अपारदर्शी होगी। सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Thu, 02 Nov 2023 06:02 AM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चुनावी बांड योजना के साथ समस्या यह है कि इसमें "चुनिंदा गुमनामी" और "चुनिंदा गोपनीयता" का प्रविधान है क्योंकि विवरण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास उपलब्ध हैं और कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी उन्हें हासिल कर सकती हैं।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने केंद्र की ओर से दलीलें रख रहे सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से कहा कि योजना के साथ समस्या तब होगी जब यह राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान नहीं करेगी और अगर यह अपारदर्शी होगी।
होना चाहिए संपूर्ण जानकारी का प्रविधान
चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दलीलें सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पूरी तरह से प्रशंसनीय हो सकता है, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में वैध धन लाने के प्रयास के लिए इसमें संपूर्ण जानकारी का प्रविधान होना चाहिए।पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत चुनावी बांड को एसबीआई की कुछ अधिकृत शाखाओं से जारी या खरीदा जा सकता है। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "आपका यह तर्क कि यदि आप इस योजना को रद कर देते हैं, तो आप पहले से मौजूद स्थिति में चले जाएंगे। यह इस कारण से मान्य नहीं हो सकता कि हम सरकार को एक पारदर्शी योजना या ऐसी योजना लाने से नहीं रोक रहे हैं जिसमें समान अवसर उपलब्ध हों।"