Sahara Group को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नौ कंपनियों के खिलाफ जारी रहेगी SFIO की जांच
शीर्ष न्यायालय ने एसएफआईओ की जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को गुरुवार को रद कर दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एसएफआईओ द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया है।
By Mahen KhannaEdited By: Updated: Thu, 26 May 2022 01:32 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से गुरुवार को सहारा समूह को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने समूह से जुड़ी नौ कंपनियों के खिलाफ SFIO (Serious Fraud Investigation Office) की जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को गुरुवार को रद कर दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ SFIO द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच की राह खुल गई है। शीर्ष अदालत ने पाया कि मामले में जांच पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय का फैसला उचित नहीं था।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती बता दें कि SFIO ने सहारा समूह के प्रमुख के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर, 2021 के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी, जिसमें बाद की सभी कार्रवाइयों पर रोक लगा दी गई थी। इसमें दंडात्मक कार्रवाई और लुकआउट नोटिस शामिल है। शीर्ष कोर्ट 17 मई को SFIO की याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया, जिसमें सहारा समूह की कंपनियों को राहत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सहारा समूह से जुड़ी नौ कंपनियों की जांच के लिए एसएफआईओ के दो आदेशों के संचालन और क्रियान्वयन पर भी रोक लगा दी थी।
सहारा के वकील ने बेंच से किया था सुनवाई का अनुरोध सहारा समूह की कंपनियों की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ से इस मामले पर आज सुनवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनका नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल शहर में नहीं हैं। कारपोरेट धोखाधड़ी की जांच करने वाली एजेंसी एसएफआईओ की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस अनुरोध पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।