SC से अडानी ग्रुप को राहत, रद किया एनजीटी का आदेश
अडानी ग्रुप को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को रद कर दिया है।
नई दिल्ली, (प्रेट्र)। अडानी ग्रुप को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के उस आदेश को रद कर दिया जिसमें एन्वायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए कंपनी से 25 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। 2013 के उस आदेश में पर्यावरण सुधार के लिए धन जमा कराने के बाद ही काम आगे बढ़ाने का आदेश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने अडानी-हजीरा पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एएचपीपीएल) द्वारा जमा कराए गए 25 करोड़ रुपये ब्याज सहित वापस करने के आदेश दिए। एनजीटी के आदेश पर जनवरी 2016 में कंपनी ने यह धनराशि सूरत के कलेक्टर के पास जमा कराई थी। शीर्ष अदालत ने यह आदेश यह जानकारी प्राप्त होने के बाद दिया कि पर्याप्त मुआवजा राशि मिलने के बाद सभी पक्षों में समझौता हो चुका है। मछुआरों और किसानों को उनका हक मिल चुका है। जिन पेड़ों-झाडि़यों का नुकसान हुआ है, उनके एवज में अन्य स्थान पर पौधारोपण हो चुका है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाया।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। अडानी ने कहा कि हम कानून और पर्यावरण नियमों का सम्मान करने वाले समूह हैं। देश-विदेश में 50 परियोजनाओं पर काम करते हुए हम मानदंडों का ध्यान रखते हैं। इससे पहले एनजीटी ने हजीरा मच्छीमार समिति और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिए थे। याचिकाकर्ताओं ने हजीरा में पोर्ट के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनुमति दिए जाने पर सवाल उठाए थे। याचिका में समुद्र के पानी और मत्स्य जीवन पर असर होने की बात कही गई थी।