Air Pollution: 'अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो...', SC ने हरियाणा और पंजाब सरकार को लगाई फटकार
SC ने हरियाणा सरकार को अपने पिछले आदेश का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह हरियाणा के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करेगी। SC ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। यदि मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे।
एएनआई, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्ती बरत रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को अपने पिछले आदेश का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई है। इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह हरियाणा के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करेगी।
Air pollution: Supreme Court slams Haryana government over non-compliance in its earlier order and warns that if order is not complied it will issue contempt against Chief Secretary of Haryana. SC asks why the state is shying of prosecuting people for stubble burning and letting… pic.twitter.com/i10nIREyEe
— ANI (@ANI) October 16, 2024
मुकदमा चलाने से क्यों कतरा रही सरकार?
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार पराली जलाने के लिए लोगों पर मुकदमा चलाने से क्यों कतरा रही है और लोगों पर मामूली जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ क्यों रही है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि इसरो आपको वह स्थान बता रहा है, जहां आग लगी थी और आप कहते हैं कि आपको कुछ नहीं मिला।
यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है-SC
पीठ ने कहा, यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। यदि मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं, तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे। कुछ भी नहीं किया गया है, यही स्थिति पंजाब के मामले में भी है। रवैया पूरी तरह से अवज्ञाकारी है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा द्वारा दायर हलफनामा गैर-अनुपालन से भरा है। इसने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को राज्य के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
23 अक्टूबर को पेश हो मुख्य सचिव
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को अगले बुधवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और यह बताने का आदेश दिया कि उल्लंघनकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई।सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को अगले बुधवार को अदालत में उपस्थित रहने और आदेश का पालन न करने के बारे में स्पष्टीकरण देने तथा अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया।