रिटायर्ड जजों को मिल रही है 15 हजार रुपये पेंशन, सुप्रीम कोर्ट भी हुआ हैरान; कहा- ऐसा कैसे हो सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई की जिसमें गुहार लगाई गई है कि जजों की पेंशन बढ़ाई जाए। कोर्ट को बताया गया कि कुछ जजों को छह हजार से पंद्रह हजार तक की पेंशन मिल रही है जिस पर पीठ ने भी हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट मामले में 27 नवंबर को फिर सुनवाई करेगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को छह हजार से पंद्रह हजार रुपये के बीच मामूली पेंशन मिलने पर हैरानी जताई। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीके मिश्रा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।
इसमें कहा गया है कि उन्हें मात्र पंद्रह हजार रुपये पेंशन मिल रही है। याचिकाकर्ता जिला अदालत में 13 साल तक न्यायिक अधिकारी के रूप में सेवा देने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने पेंशन की गणना करते समय उनकी न्यायिक सेवा पर विचार करने से इन्कार कर दिया था।
कोर्ट ने जताई हैरानी
पीठ ने टिप्पणी की कि हमारे सामने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं, जिन्हें छह हजार और पंद्रह हजार रुपये पेंशन मिल रही है, जो चौंकाने वाला है। ऐसा कैसे हो सकता है। न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद की सुविधाएं प्रत्येक हाई कोर्ट में अलग-अलग हैं और कुछ राज्यों ने बहुत बेहतर लाभ प्रदान किए हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 27 नवंबर के लिए निर्धारित कर दी।(खबर अपडेट की जा रही है।)