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सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो मामले में सोमवार को सुनेगा दलीलें, दोषियों की समयपूर्व रिहाई को SC में दी गई चुनौती

जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने बिलकिस बानो समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा कि वे अपने संक्षिप्त लिखित प्रत्युत्तर दाखिल कर दें। मामले में पेश एक वकील ने कहा कि दोषियों की ओर से दलीलें पूरी हो चुकी हैं और अब मामले में याचिकाकर्ताओं के वकीलों की ओर से जवाबी दलीलें सुनने के लिए मामला तय किया गया है।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 06 Oct 2023 07:15 PM (IST)
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मामले में बिलकिस बानो के अलावा कई जनहित याचिकाएं भी दाखिल हुई हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वह नौ अक्टूबर को दलीलों पर सुनवाई करेगा।

जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने बिलकिस बानो समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा कि वे अपने संक्षिप्त लिखित प्रत्युत्तर दाखिल कर दें। मामले में पेश एक वकील ने कहा कि दोषियों की ओर से दलीलें पूरी हो चुकी हैं और अब मामले में याचिकाकर्ताओं के वकीलों की ओर से जवाबी दलीलें सुनने के लिए मामला तय किया गया है।

पीठ ने वकील से कहा, 'हम आपके कहने पर पूरे मामले को दोबारा नहीं खोलना चाहते।' न्यायाधीशों ने कहा, बेहतर होगा कि याचिकाकर्ताओं के वकील अपने प्रत्युत्तर का एक संक्षिप्त नोट दाखिल करें। पीठ ने कहा, 'मामले को नौ अक्टूबर को दोपहर दो बजे सूचीबद्ध करें। इस बीच याचिकाकर्ताओं के वकील अपनी संक्षिप्त लिखित दलीलें दाखिल करेंगे।'

इस मामले में बिलकिस बानो के अलावा कई जनहित याचिकाएं भी दाखिल हुई हैं। इन याचिकाकर्ताओं में माकपा नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं।