'गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में अब नहीं होगा कोई स्थगन', सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?
गुजरात के 2002 गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट 15 जनवरी को गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों की ओर से दाखिल अपीलों पर सुनवाई करेगा। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इस बार वह कोई स्थगन नहीं देगा। बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट के अक्टूबर 2017 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई अपीलें दाखिल की गई हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों की ओर से दाखिल अपीलों पर वह 15 जनवरी को सुनवाई करेगा। साथ ही स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई पर कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे। गुजरात हाई कोर्ट के अक्टूबर, 2017 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई अपीलें दाखिल की गई हैं।
हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदला था
हाई कोर्ट ने कई दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था और 11 दोषियों के मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया था। गुजरात सरकार ने पिछले वर्ष फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह उन 11 दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग करेगी, जिनकी सजा को हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था।सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जस्टिस जेके महेश्वरी एवं जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ के समक्ष यही याचिकाएं सुनवाई पर लगी थीं। गुजरात सरकार की वकील स्वाति घिलडियाल ने पीठ से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई स्थगित कर दी जाए, क्योंकि वह शीर्ष अदालत में ही किसी अन्य पीठ के समक्ष बहस कर रही हैं।