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Pegasus Case: पेगासस मामले में याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को कथित पेगासस जासूसी की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा इंटरनेट मीडिया पर समानांतर कार्यवाही और बहस पर आपत्ति जताई थी। अदालत ने कहा था कि कुछ अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 05:34 AM (IST)
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विभिन्न याचिकाओं पर सोमवार को होगी सुनवाई
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली विभिन्न याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है। याचिका दायर करने वालों में एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम व शशि कुमार शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस की पीठ मामले में आगे सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को कथित पेगासस जासूसी की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा इंटरनेट मीडिया पर समानांतर कार्यवाही और बहस पर आपत्ति जताई थी। अदालत ने कहा था कि कुछ अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पेगासस विवाद की जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी करने के बारे में 16 अगस्त को फैसला किया जाएगा। साथ ही उसने इस बात पर जोर दिया था कि वह बहस के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब मामला शीर्ष अदालत में लंबित है तो इस पर यहीं विचार किया जाना चाहिए।

बंगाल सरकार द्वारा गठित जांच आयोग का मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

बता दें कि कुछ दिन पहले पेगासस जासूसी मामले की पड़ताल के लिए बंगाल सरकार द्वारा गठित जांच आयोग का मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। एक गैर सरकारी संगठन (NGO) ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और बंगाल सरकार के 27 जुलाई के नोटिफिकेशन को रद करने की मांग की है। याचिका में कहा गया कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो आयोग का गठन क्यों किया गया? इसमें आयोग की जांच पर रोक की मांग भी की गई है।

पेगासस के चलते सही से नहीं चल सका संसद का मानसून सत्र

गौरतलब है कि पेगासस मामले के चलते इस बार संसद का मानसून सत्र भी सही से नहीं चल सका। विपक्षी पार्टी के नेताओं ने सदन में जमकर नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मॉनसून सत्र में सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से नहीं चलने पर दु:ख प्रकट किया था।