नीरव मोदी के रिश्तेदार की विदेश यात्रा के खिलाफ याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआइ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया है। सीबीआइ का आरोप है कि मेहता को पीएनबी धोखाधड़ी में गबन किए गए धन का बड़ा हिस्सा मिला जो उसकी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 15 Nov 2022 04:08 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सीबीआइ की याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के आरोपित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मैनक मेहता को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी।
दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
इससे पूर्व प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने मेहता को बैंकों को पत्र लिखने के लिए कहा था, जहां सीबीआइ उसके खातों की जांच कर रही है, और लेन-देन के विवरण मांगे। पीठ ने मेहता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई का बयान दर्ज किया कि बैंकों को पत्र भेजा गया है जिसमें लेन-देन का विवरण मांगा गया है। पीठ ने सोमवार को अपने आदेश में कहा, 'बैंकों ने कहा है कि मामले पर गौर किया जा रहा है। कार्यवाही दो सप्ताह बाद होगी जब हमें स्थिति रिपोर्ट मिल जाएगी।
ईडी के साथ सहयोग कर रहा है मेहता
देसाई ने कहा कि मेहता ईडी के साथ सहयोग कर रहा है और नीरव मोदी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में उसे सरकारी गवाह बनाया गया था। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि करोड़ों रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपित नीरव मोदी से मेहता का जुड़ाव था और उसने जांच में सहयोग नहीं किया।क्या है सीबीआइ का आरोप
सीबीआइ का आरोप है कि मेहता को पीएनबी धोखाधड़ी में गबन किए गए धन का बड़ा हिस्सा मिला, जो उसकी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। बांबे हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआइ की याचिका खारिज कर दी थी, जिसने मेहता को हांगकांग की यात्रा करने की अनुमति दी थी।
चार दर्जन माननीयों के विरुद्ध लंबित हैं CBI के मामले, सुप्रीम कोर्ट में दायर रिपोर्ट से हुआ खुलासा