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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश, कहा- अवैध शराब मामले में तत्काल करे कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अवैध शराब पर तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार ने हलफनामा दायर करके अपनी आबकारी नीति पर सफाई देते हुए कहा कि यह विभाग अवैध शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाता है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 15 Dec 2022 11:38 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश।

नई दिल्ली, पीटीआइ। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अपनी आबकारी नीति पर सफाई देते हुए कहा कि यह विभाग अवैध शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाता है। इसके अलावा प्रदेश सरकार राज्य के आबकारी विभाग में खाली पड़े सभी पदों को भरने के लिए अतिरिक्त उपाय कर रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अवैध शराब पर तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है।

पीठ ने बिहार का दिया उदाहरण

जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील अजीत कुमार सिन्हा से पूछा कि क्या आपने आज बिहार का मामला देखा? हम इसी चीज को टालना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करके पंजाब सरकार का ध्यान बिहार के सारन में हुई घटना का जिक्र किया जिसमें जहरीली शराब पीने से 39 लोगों की मौत हो चुकी है। खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले की प्रगति पर नजर रखेंगे। कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले पर अगली सुनवाई शीत अवकाश के बाद करेगा।

पंजाब में अवैध शराब मामले पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में पंजाब में तेजी से बढ़ते अवैध शराब के कारोबार पर चिंता जताए जाने पर पंजाब सरकार ने गुरुवार को अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि इस अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए राज्य के आबकारी विभाग और राजस्व विभाग को तत्काल उठाए जाने वाले कदमों को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पंजाब सरकार ने जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की खंडपीठ को बताया कि अवैध शराब बनाने के खिलाफ एक जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। लोगों को अवैध शराब के सेवन होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा। साथ ही ऐसी शराब बनाने और उसकी बिक्री की सूचना देने वाले को ईनाम देने की पुरानी योजना को अधिकाधिक बढ़ावा दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने जागरूकता पर दिया जोर

राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा कि जागरूकता अभियान स्थानीय प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया और केबल टीवी के जरिये किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इस उद्देश्य के लिए इंटरनेट मीडिया की भी मदद ली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अन्य हलफनामे में पंजाब सरकार ने कहा कि आइजी रैंक के एक पुलिस अफसर को पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 के तहत दर्ज सभी मामलों के लिए जांच निगरानी के लिए नामित किया गया है। अवैध शराब की तस्करी, उत्पादन के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी फील्ड यूनिट को सकुर्लर जारी किया गया है। आबकारी विभाग की ओर से जारी हलफनामे में बताया है कि मौजूदा सरकार ने अवैध शराब से इतर यह देशी शराब का सस्ता विकल्प जारी किया जा रहा है। यह सेहत के लिए अपेक्षाकृत बेहतर होगा।

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