इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव की FIR जोड़ने की याचिका का विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा सुनवाई
मामले की सुनवाई करते हुए CJI एन वी रमना ने कहा कि उन्हें कल रात 11 बजे ही रामदेव की ओर से भारी संख्या में दस्तावेज और सीडी मिले हैं। इसलिए उनको देखने में समय लगेगा और वो अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 01:48 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। आज सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ दायर मामलों पर सुनवाई की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव की FIR जोड़ने की याचिका का विरोध किया था। मामले की सुनवाई करते हुए CJI एन वी रमना ने कहा कि उन्हें कल रात 11 बजे ही रामदेव की ओर से भारी संख्या में दस्तावेज और सीडी मिले हैं। इसलिए उनको देखने में समय लगेगा और वो अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।
जानें पूरा मामलाबता दें कि एलोपैथी चिकित्सा और चिकित्सकों पर तथाकथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बाबा रामदेव के खिलाफ देश भर में कई केस दर्ज किए गए हैं। बाबा ने इन सभी मामलों की एक जगह सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। इस पर पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बाबा को वह मूल वीडियो पेश करने का आदेश दिया थे जिसमें वह एलोपैथी पद्धति की तथाकथित रूप से खिल्ली उड़ाते हुए दिखाए गए हैं।
पिछली सुनवाई में जानें कोर्ट ने क्या दिए थे आदेशप्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना तथा हृषिकेश रॉय की पीठ रामदेव की याचिका पर आज विचार किया। अंतरिम राहत के तौर पर योग गुरु ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को मूल रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिए गए थे। इस दौरान पीठ ने पूछा था कि उन्होंने असल में क्या कहा है? आपने सारी बात अदालत के सामने नहीं रखी है।
इन राज्यों में रामदेव के खिलाफ दर्ज हो चुका विरोधबता दें कि रामदेव द्वारा एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर की गई टिप्पणियों के मामले में आइएमए ने बिहार और छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। आइएमए की पटना और रायपुर शाखा ने कहा कि उनकी टिप्पणी कोरोना नियंत्रण तंत्र के प्रति दुर्भावनापूर्ण है। इससे लोग कोरोना के उचित इलाज से विमुख हो सकते हैं। योग गुरु के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के विभिन्न प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।