परिसर में दिव्यांगों को पेश आने वाली मुश्किलों का आडिट कराएगा सुप्रीम कोर्ट, सीजेआइ ने गठित की समिति
सुप्रीम कोर्ट परिसर में दिव्यांग व्यक्तियों के समक्ष आने वाली परेशानियों को समझने और न्याय प्रणाली में उनकी बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष कोर्ट ने एक व्यापक एक्सेसिबिलिट आडिट कराने का फैसला किया है। इसके लिए सीजेआइ ने समिति का गठन कर दिया है। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 05 Dec 2022 03:04 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट परिसर में दिव्यांग व्यक्तियों के समक्ष आने वाली परेशानियों को समझने और न्याय प्रणाली में उनकी बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष कोर्ट ने एक व्यापक एक्सेसिबिलिट आडिट कराने का फैसला किया है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (तीन दिसंबर) के अवसर पर इस काम के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस एस. रविंद्र भट की अध्यक्षता में एक्सेसिबिलिटी पर सुप्रीम कोर्ट की एक समिति गठित की।
समिति को आडिट करने का सौंपा गया है काम
सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर कहा कि समिति को फिजिकल और टेक्नोलाजी एक्सेसिबिलिटी दोनों का आडिट करने का काम सौंपा गया है। सुप्रीम कोर्ट परिसर में आने वाले दिव्यांग व्यक्तियों के समक्ष आने वाली परेशानियों की प्रकृति और उनकी सीमा का आकलन करने के लिए समिति को उनके लिए प्रश्नावली तैयार करने का काम भी सौंपा गया है। इसके अलावा समिति सुप्रीम कोर्ट के वकीलों, याचिकाकर्ताओं और प्रशिक्षुओं से भी इनपुट प्राप्त करेगी।
स्थिति में सुधार के लिए दी जाएगी सिफारिशें
समिति में बेंगलुरु स्थित नेशनल ला स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर भी शामिल होंगे। यह समिति के एक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसमें आडिट व सर्वेक्षण के परिणाम शामिल होंगे और स्थिति में सुधार के लिए सिफारिशें भी होंगी।सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का एक अधिकारी होगा समिता का सदस्य
बयान के मुताबिक, समिति में सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत एक दिव्यांग व्यक्ति, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा नामित के एक दिव्यांग वकील और नालसर यूनिवर्सिटी आफ ला में सेंटर फार डिसेबिलिटी स्टडीज द्वारा नामित एक व्यक्ति भी सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का एक अधिकारी इस समिति का सदस्य सचिव होगा।
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