Freebies Politics: सुप्रीम कोर्ट रेवड़ियों से जुड़ी याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर करेगा विचार
सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी रेवड़ियों का वादा करने की प्रथा को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गया। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया कि मामलों पर आंशिक रूप से सुनवाई हुई है और इन पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी रेवड़ियों का वादा करने की प्रथा को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गया। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया कि मामलों पर आंशिक रूप से सुनवाई हुई है और इन पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।
इस पर सीजेआइ ने कहा, हम इसे देखेंगे।तत्कालीन सीजेआइ यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक नवंबर, 2022 को कहा था कि जनहित याचिकाओं की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की जा सकती है। वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका सहित अन्य याचिकाओं में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने के वादों का विरोध किया गया है।