शादी के बाद बिना इजाजत संबंध बनाना अपराध है या नहीं, अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
वैवाहिक दुष्कर्म पर को अपराध माना जाएगा या नहीं इस पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कोर्ट ने कहा कि तीन जजों की बेंच इस मामले पर अक्टूबर के मध्य में सुनवाई करेगी। आज भी वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में डालने के लिए लोगों का संघर्ष जारी है। हालांकि इसको लेकर कभी भी एक मत नहीं रहा है।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 22 Sep 2023 01:07 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। देश में लगातार वैवाहिक दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे कई मामले सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह वैवाहिक दुष्कर्म के मुद्दे पर याचिकाओं को अक्टूबर के मध्य में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगा।
याचिका में कानूनी सवाल उठाया गया है कि क्या पति अपनी पत्नी के मर्जी के बिना यदि संबंध बनाता है, तो उसे दुष्कर्म के श्रेणी में रखा जाना चाहिए या नहीं।
संविधान पीठ की सुनवाई पूरी होने के बाद होगा सूचीबद्ध
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकील करुणा नंदी की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिकाओं पर सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने कहा, "हम संविधान पीठ की सुनवाई के बीच में हैं। संविधान पीठ के मामले समाप्त होने के बाद हम इसे सूचीबद्ध कर सकते हैं।" साथ ही पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य वकीलों से पूछा कि उन्हें अपनी दलीलें आगे बढ़ाने में कितना समय लगेगा।यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के सोर्स कोड के स्वतंत्र ऑडिट की मांग वाली जनहित याचिका की खारिज
अक्टूबर मध्य में होगी सुनवाई
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मुझे दो दिन लगेंगे, क्योंकि मुद्दे के सामाजिक प्रभाव हैं।" याचिकाकर्ताओं के एक वकील ने कहा कि वे तीन दिनों तक बहस करना चाहेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुटकी लेते हुए कहा, "तो फिर इसे अगले साल अप्रैल में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है।"हालांकि, बाद में पीठ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि याचिकाएं अक्टूबर के मध्य में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएंगी।