Bhojshala Survey: भोजशाला में एएसआई सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई
Bhojshala ASI Survey मध्य प्रदेश में भोजशाला सरस्वती मंदिर के एएसआई सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भोजशाला सरस्वती मंदिर के एएसआई सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को धार जिले में स्थिति भोजशाला सरस्वती मंदिर का सर्वे करने का आदेश दिया था। इस आदेश में कहा था कि एएसआई के पांच वरिष्ठ अधिकारी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके यह पता लगाएंगे कि क्या भोजशाला परिसर स्थित कमाल मौला मस्जिद को सरस्वती मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
छह सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश
हाई कोर्ट ने एएसआई को सर्वे करके छह सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। एएसआई ने 22 मार्च से सर्वे शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को यह मामला न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा है। गत 22 मार्च को जिस दिन एएसआई ने सर्वे शुरू किया, उस दिन भी याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले का उल्लेख कर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी।मामले की एक अप्रैल को सुनवाई
एएसआई से सर्वे पर रोक चाहते थे लेकिन कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था एक अप्रैल को इसकी सुनवाई होनी है ऐसे में इसे सूची से न हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट की एक अप्रैल की सूची जारी हो चुकी है जिसमें यह केस कोर्ट नंबर सात में 27वें नंबर पर सुनवाई के लिए लगा है।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुमति याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट ने एएसआई से सर्वे का आदेश देकर अंतरिम राहत के नाम पर अंतिम राहत दे दी है। हाई कोर्ट ने संविधान में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए आदेश दिया है लेकिन यह ध्यान नहीं दिया कि इस आदेश से याचिकाकर्ता का भी वही अधिकार प्रभावित होता है।हाई कोर्ट का आदेश बने रहने लायक नहीं
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का आदेश बने रहने लायक नहीं है और उसका यह मानना गलत है कि प्राचीन स्मारक अधिनियम 1958 की धारा 16 के तहत एएसआइ को सर्वे करके उस जगह की प्रकृति तय करने का अधिकार है। साथ ही कहा गया है कि यह धारा सिर्फ प्रदूषण, दुरुपयोग आदि से संरक्षण और सुरक्षा की बात कहती है।ये भी पढ़ें: Indian Navy: भारतीय नौसेना ने 23 पाकिस्तानियों को समुद्री डाकुओं से बचाया, मछुआरों ने लगाए भारत जिंदाबाद के नारे