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UP के निकाय चुनाव में OBC कोटा पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई, HC ने दिया था बिना आरक्षण चुनाव कराने का आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने निकाय चुनाव की ड्राफ्ट अधिसूचना रद कर दी थी और राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण लागू किए बगैर स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का आदेश दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 02 Jan 2023 10:52 PM (IST)
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यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में दी है चुनौती

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट चार जनवरी को सुनवाई करेगा। सोमवार को शीर्ष कोर्ट ने प्रदेश सरकार की याचिका पर चार जनवरी को सुनवाई करने पर सहमति दे दी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने निकाय चुनाव की ड्राफ्ट अधिसूचना रद कर दी थी और राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण लागू किए बगैर स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का आदेश दिया था।

यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में दी है चुनौती

सोमवार को सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रदेश सरकार की याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया। मेहता ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण लागू किए बगैर स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। ऐसे में कोर्ट मामले पर जल्द सुनवाई करे। पीठ ने मेहता के अनुरोध पर संज्ञान लेते हुए मामले पर चार जनवरी को सुनवाई पर लगाने की सहमति दे दी।

हाई कोर्ट का ड्राफ्ट अधिसूचना रद करने का फैसला सही नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के गत 27 दिसंबर के आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि हाई कोर्ट का ड्राफ्ट अधिसूचना रद करने का फैसला सही नहीं है। उस अधिसूचना में उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में सीटों पर ओबीसी आरक्षण भी लागू किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट लागू किए बगैर स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने को सही नहीं माना था और ड्राफ्ट अधिसूचना रद कर दी थी।

हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी आरक्षण लागू किए बगैर तत्काल अधिसूचना जारी कर चुनाव कराने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि चुनाव की अधिसूचना तत्काल निकाली जाए क्योंकि कई निकायों का कार्यकाल 31 जनवरी, 2023 को पूरा होने वाला है।मालूम हो कि शहरी स्थायीन निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के पूरे मुद्दे की पड़ताल के लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है। जस्टिस (सेवानिवृत्त) रामअवतार सिंह की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में चार अन्य सदस्य हैं जिनमें सेवानिवृत्त आइएएस सीएस वर्मा व महेंद्र कुमार और राज्य के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा व बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं।

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