Sanatan Dharma: SC सनातन धर्म टिप्पणी मामले में अप्रैल में करेगा सुनवाई, उदयनिधि स्टालिन ने दिया था ये बयान
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अदालत तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा दाखिल याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगी। याचिका में मंत्री ने उनके द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को एकसाथ जोड़ने की मांग की है। जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष उनकी याचिका सुनवाई के लिए आई।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अदालत तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा दाखिल याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगी। याचिका में मंत्री ने उनके द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को एकसाथ जोड़ने की मांग की है।
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष उनकी याचिका सुनवाई के लिए आई। इस पर पीठ ने कहा कि इसकी सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि को फटकार लगाई थी
गत चार मार्च को याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने उदयनिधि स्टालिन को टिप्पणी करने पर फटकार लगाई थी और पूछा था कि बोलने और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के अधिकार का दुरुपयोग करने के बाद उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को एकसाथ जोड़ने के लिए अदालत का रुख क्यों किया है?
मंत्री होने के नाते बयानों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए
शीर्ष अदालत ने स्टालिन से कहा था कि मंत्री होने के नाते उन्हें अपने बयानों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए और उनके संभावित परिणामों के प्रति सचेत रहना चाहिए। गत सितंबर में उदयनिधि स्टालिन ने एक सम्मेलन में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे खत्म कर देना चाहिए।
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