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SC का पूर्व जज एल नागेश्वर राव को निर्देश, AIFF के गठन को अंतिम रूप देने के लिए जल्द तैयार करें रिपोर्ट

Suprme Court सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव से अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के गठन को अंतिम रूप देने पर 31 जुलाई तक एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 02 May 2023 01:48 PM (IST)
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SC का पूर्व जज एल नागेश्वर राव को निर्देश (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव से अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के गठन को अंतिम रूप देने पर 31 जुलाई तक एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विभिन्न हितधारकों द्वारा मसौदा दस्तावेज पर आपत्ति जताए जाने के बाद अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के गठन को अंतिम रूप देने पर 31 जुलाई तक रिपोर्ट तैयार करें।

पीठ ने क्या कहा

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने कहा कि संबंधित पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राव द्वारा विभिन्न हितधारकों द्वारा संविधान के मसौदे पर आपत्तियों का ध्यान रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इस अभ्यास (संविधान को अंतिम रूप देने) को स्थगित करना उचित होगा क्योंकि ये कानून के मुद्दे नहीं हैं, बल्कि भारत में फुटबॉल के संचालन से संबंधित नीतिगत मामले हैं। उन्होंने कहा यह ध्यान में रखते हुए कि भारतीय ओलंपिक संघ के मामले को न्यायमूर्ति एल एन राव द्वारा संभाला गया था।

SC ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का किया अनुरोध

पीठ ने कहा हम न्यायमूर्ति राव को एआईएफएफ संविधान बनाने का काम सौंपते हैं। हम उनसे संविधान का मसौदा तैयार करने और रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का अनुरोध करते हैं। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में न्यायमूर्ति राव से सभी हितधारकों की सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि संविधान के मसौदे पर विचार करने और व्यापक रिपोर्ट तैयार करने की कवायद 31 जुलाई तक पूरी कर ली जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में 5 अप्रैल को हुई थी सुनवाई

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को कहा था कि वह 2 मई को एआईएफएफ से संबंधित मुद्दों पर दलीलों के एक समूह पर सुनवाई करेगी, जिसमें संविधान के मसौदे में कुछ पहलुओं पर आपत्तियां भी शामिल हैं। हितधारकों में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) और देश में खेल निकाय शामिल हैं।